स्टेचू ऑफ़ यूनिटी के बारे कुछ जानकारी
आज हम बात करेंगे दुनिआ की सबसे ऊँची प्रतिमा स्टेचू ऑफ़ यूनिटी के बारे में जो सरदार वल्लभ भाई पटेल की याद में बनाई गई है सरदार वल्ल्भ भाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री , जिन्हे हम लोह पुरुष भी कहते हैस्टेचू ऑफ़ यूनिटी |
1. यह दुनिआ की सबसे ऊँची प्रतिमा है जिसकी लम्बाई 182 मीटर है जबकि स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी की ऊंचाई केवल 93 मीटर है
2. यह नर्मदा नदी के किनारे पर बनाई गई है
3. इस प्रतिमा को बनाने में लगभग 2989 करोड़ का खर्च हुआ है
4. इस प्रतिमा की नीव रखने में 109 टन स्क्रैप आयरन का प्रयोग किया गया है
5. इसके निर्माण में 25000 टन लोहा और 90000 टन सीमेंट का प्रयोग किया गया है
6. इसे बनाने में 3400 मजदूर और 250 इंजीनियर लगे थे
7. यह प्रतिमा लगभग 42 महीने में बनकर तैयार हुई है
8. इस परियोजना का पहला चरण 19000 वर्ग मीटर में फैला हुआ है
9. फूलो की घाटी की तरह दिखने के लिए 230 हेक्टेयर क्षेत्र में पहाड़ियों पर मूर्ति के आस पास फूल उगाये गए है
10. इस प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार राम वंजी सुतार द्वारा किया गया है जो प्रसिद्ध मूर्तिकार है इन्हे सरकार द्वारा 2016 में पदम् भूषण द्वारा सम्मानित किया गया था इससे पहले 1999 में इन्हे पदमश्री भी दिया जा चूका है
11. सरदार पटेल की इस प्रतिमा में 2 लिफ्ट लगी हुई हे जिनका प्रयोग कर लोग हृदय तक जा सकेंगे लिफ्ट से 26 लोग एक बार में गैलरी तक केवल 30 सेकंड में पहुंच जायेंगे
12. प्रतिमा के साथ 153 मीटर की ऊंचाई पर 200 पर्यटकों की क्षमता वाली दर्शक गैलरी बनाई गई है जहां से दर्शक आस पास के वातावरण का नजारा ले सकते है
13. प्रतिमा का निर्माण भूकम्परोधी और जंगरोधी तकनीक से बनाया है
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी |
14. स्टेचू ऑफ़ यूनिटी की ऊंचाई 182 मीटर इसलिए है क्योंकि गुजरात विधान सभा में 182 सीटे है
15. स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को देखने के लिए आपको 350 रूपए खर्च करने होंगे साथ ही अगर आप परिसर में बस की सुविधा भी लेते हे तो आपको 30 रूपए अतिरिक्त खर्च करने पड़ेंगे
16. स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का दर्शन करने के लिए आने वाले टूरिस्ट सरदार सरोवर डैम ,सतपुड़ा और विंध्या के पर्वतो का नजारा भी देख सकेंगे
17. स्टेचू ऑफ़ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है
18. स्टेचू ऑफ़ यूनिटी के पैर की ऊंचाई 80 फ़ीट ,हाथ की ऊंचाई 70 फ़ीट ,कंधे की ऊंचाई 140 फ़ीट ,चेहरे की ऊंचाई 70 फ़ीट है
19. स्टेचू ऑफ़ यूनिटी को बनाने वाली कंपनी लार्सन एन्ड टुब्रो है
20. प्रतिमा के निर्माण के लिए भारत ही नहीं चीन के शिल्पियों की भी मदद लेनी पड़ी
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