दुनिया में कई ऐसे प्रसिद्ध व्यक्ति हुए हैं जो अपने जीवनकाल में ही वह प्रतिष्ठा और ख्याति प्राप्त कर लेते हैं, जो मरने के बाद भी कई व्यक्तियों को नसीब नहीं होती है। इन्हीं प्रसिद्धियों में से एक है- किसी जीवित व्यक्ति के नाम पर डाक टिकट जारी होना। भारत में भी कई ऐसे महान व्यक्तित्व हुए हैं जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी किए गए हैं। इस लेख में हम उन प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों का विवरण दे रहे हैं जिनके नाम पर उनके जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी हुए हैं।
1. सचिन तेंदुलकर
1. सचिन तेंदुलकर
योगदान: उन्हें सर्वकालिक महानतम बल्लेबाज माना जाता है. उनके नाम एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट दोनों में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है। वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में 100 शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में दोहरा शतक बनाने वाले वह पहले खिलाड़ी थे।
सम्मान: उन्हें 1994 में अर्जुन पुरस्कार, 1997 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 1999 में पद्मश्री, 2008 में पद्म विभूषण पुरस्कार, और 16 नवंबर 2013 को भारत रत्न प्रदान किया गया था।
2. वी वी गिरि
योगदान: वह भारत के चौथे तथा स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुना जाने वाला एकमात्र राष्ट्रपति हैं। वह भारत के व्यापार संघ आंदोलन में अग्रणी थे और उनके अथक प्रयासों के कारण ही श्रम बल मांग और उनके अधिकारों का अधिग्रहण हो सका।
सम्मान: उन्हें 1975 में भारत रत्न का पुरस्कार मिला। 1995 में इनके के सम्मान में राष्ट्रीय श्रम संस्थान का नाम बदलकर वी वी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान रखा गया था।
3. डॉ. एस. राधाकृष्णन
योगदान: वह एक भारतीय दार्शनिक और राजनेता थे। भारत के पहले उपराष्ट्रपति और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
सम्मान: उन्हें 1932 में नाइटहुड, 1954 में भारत रत्न, और 1963 में ब्रिटिश रॉयल ऑर्डर ऑफ मेरिट की मानद सदस्यता से नवाजा गया था।
4. डॉ. राजेंद्र प्रसाद
योगदान: वह स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे और भारत गणराज्य को सही आकार देने वाले राजनितिक वास्तुकारो में से एक थे।
सम्मान: उन्हें 1962 में भारत रत्न प्रदान किया गया था
5. डॉ. एम. विस्वेसरैया
योगदान: वह एक प्रख्यात भारतीय इंजीनियर के रूप में जाने जाते हैं और मंड्या जिले में कृष्णा राज सागर बांध के निर्माण के साथ-साथ हैदराबाद शहर के लिए बाढ़ संरक्षण प्रणाली के प्रमुख डिजाइनरों में से एक थे।
सम्मान: उन्हें 1955 में भारत रत्न तथा 1915 में ब्रिटेन ने नाइटहुड की उपाधि पुरस्कार से नवाजा था। इनके सम्मान में औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय, बैंगलोर का नाम बदलकर विश्वेश्वराय औद्योगिक और तकनीकी संग्रहालय रख दिया गया था ।
6. राजीव गांधी
योगदान: वह भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे। उन्होंने भारतीय संचार प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया था, जिसके कारण वर्तमान समय में भारत संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
सम्मान: उन्हें 1991 में भारत रत्न मिला और 2009 में (भारत नेतृत्व सम्मेलन में) आधुनिक भारत के क्रांतिकारी नेता का पुरस्कार मिला।
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